दुनिया पे हुकुमत उसकी हैं
बादशाह हैं वो।
जो शख्श उसको नकारता
गुमराह हैं वो।।
मुर्दों को जिंदा कर दिया हैं
देखो करिश्मा उसका।
खुद मरकर जी उठा हैं,
शहंशाह हैं वो।।
हर तरफ जलवा है उसका
सबकुछ उसी का हैं।
जन्नत में भी वो ही हैं,
सरेराह हैं वो।।
यूं तो आये हैं नबियों के कारवां,
सबके सब मुबारक हैं।
एक मसीहा ही कह पाये कि,
बेगुनाह है वो।।