जी हां। उस लीडर का नाम है मूसा। उन्होंने अपने इजरायली भाइयों के आपसी विवाद को सुलझाने की कोशिश की तो इस कारण मिस्त्र के महलों का त्याग करके जान बचाकर भागना पड़ा क्योंकि उनका अपना भाई उनसे जुबान लड़ा रहा था और उनके प्राण संकट में डाल रहा था। दूसरे देश (ससुराल) में भी परमेश्वर ने चरवाहे के रुप में उन्हें जीवन जीने नहीं दिया और वापस मिस्त्र बुलाया ताकि वह इजरायलियों को राजा फिरौन की असहनीय गुलामी से निकालकर वर्तमान में स्थित इजरायल में ले जाकर बसाये। परमेश्वर ने अद्भुत करिश्मे करके इजरायलियों को गुलामी से निकाला लेकिन इजरायलियों के पापों के कारण मूसा को चालीस साल तक रेगिस्तान में भटकना पड़ा, हालांकि यह यात्रा वास्तव में सिर्फ एक सप्ताह की ही थी। मूसा वह व्यक्ति थे जो परमेश्वर के हाथ से पत्थरों पर लिखी दस आज्ञाओं को लेकर आये। मूसा न तो वाचा के देश में पहुंच पाये और न मिस्त्र में सुख भोग सके। एक ऐसे महान लीडर एवं सामर्थी भविष्यवक्ता जिनको कुछ न मिला।आखिर में दुखी मन से अपने भाइयों से कहते है-
“और मुझ पर भी यहोवा तुम्हारे कारण क्रोधित हुआ, और यह कहा, कि तू भी वहाँ जाने न पाएगा।”
– व्यवस्थाविवरण 1:37 bible2all.com
Note:- सारी सामग्री बाइबल की पुस्तक निर्गमन से ली गयी है।