प्रभु येशु मसीह का गुनाह क्या था?

यह रोचक लेख लिखते हुए मैं सौभाग्यशाली महसूस करता हूं क्योंकि मैं मेरे और इस सृष्टि के मालिक प्रभू ईसा मसीह के कुछ अपराधों की सूची पेश कर रहा हूं जो तात्कालिक धर्मगुरुओं की नजर में अक्षम्य थे। आप इसे पढ़कर तुरंत आगे भेजें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी मिले।

1. मृतकों में से जी उठना-

आप सोच रहे होंगे कि मैं इस बात को अपराध क्यों बोल रहा हूं। मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि प्रभु ईसा मसीह के जी उठने कि बात धार्मिक और राजनैतिक रूप से संगठित धर्मगुरुओं को बहुत ही ज्यादा बुरी लगी। यह वही धर्मगुरु थे, जिन्होंने एक खूंखार डाकू को बचा लिया और उसके बदले में निर्दोष और पवित्र प्रभू ईसा मसीह को मरवा दिया। प्रभू ईसा मसीह के जी उठने की बात उन्हें इसलिए भी अपराध लगी कि अब सारी की सारी जनता इन धर्मगुरुओं के हाथ से फिसलकर प्रभू ईसा मसीह के कदमों पर मिलेगी। यह ऐसा अपराध था जो भीड़ को धर्मगुरुओं की गुलामी से सदा के लिए आजाद कर देगा। उनको लगा कि उनकी धर्म की दुकान के सारे ग्राहक उनकी दुकान के शटर बंद करा देंगे। इसलिए उनको लगा कि प्रभू ईसा मसीह ने जी उठकर बहुत ही बड़ा अपराध किया है। उन्होंने प्रभू ईसा मसीह के इस अपराध पर पर्दा डालने के लिए जो किया वह इस कहानी में वर्णित है-

“सब्त के दिन के बाद सप्ताह के पहिले दिन पौ फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आई, और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्त्र पाले की नाईं उज्ज़्वल था। उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। स्वर्गदूत ने स्त्र्यिों से कहा, कि तुम मत डरो: मै जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो।
वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था। और शीघ्र जाकर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया। और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गई। और देखो, यीशु उन्हें मिला और कहा; ‘सलाम’और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उस को दणडवत किया। तब यीशु ने उन से कहा, मत डरो; मेरे भाईयों से जाकर कहो, कि गलील को चलें जाएं वहाँ मुझे देखेंगे। वे जा ही रही थीं, कि देखो, पहरूओं में से कितनों ने नगर में आकर पूरा हाल महायाजकों से कह सुनाया। तब उन्हों ने पुरनियों के साथ इकट्ठे होकर सम्मति की, और सिपाहियों को बहुत चान्दी देकर कहा, कि यह कहना, कि रात को जब हम सो रहे थे, तो उसके चेले आकर उसे चुरा ले गए। और यदि यह बात हाकिम के कान तक पहुंचेगी, तो हम उसे समझा लेंगे और तुम्हें जोखिम से बचा लेंगे। सो उन्होंने रूपए लेकर जैसा सिखाए गए थे, वैसा ही किया; और यह बात आज तक यहूदियों में प्रचलित हैं” (संत मत्ती 28:1-15 http://www.bible2all.com).

यह बहुत ही रोचक मामला है कि येशु प्रभु के मुर्दों में से जी उठने वाले अपराध पर पर्दा डालने के लिए इन धर्म के ठेकेदारों को रिश्वत देनी पड़ी और पहलुओं ने इनका कहना भी मान लिया। अब हम प्रभु ईसा मसीह के दूसरे बड़े अपराध का वर्णन करेंगे जो उन्होंने मरकर जी उठने से पहले किया था।

2. मुर्दे लाजरस को जीवित करना-

प्रभू ईसा मसीह ने जब मरे हुए लाजरस को जिंदा किया तो चारों तरफ आनंद ही आनंद हो गया मगर यह धर्म के ठेकेदारों और संगठित गुरुओं की नजर में अक्षम्य अपराध था। ईसा मसीह के इस अपराध पर पर्दा डालने के लिए धर्माधिकारियों ने लाजरस को ही मार डालना चाहा। यह घटना बाइबल में इस तरह से है-

“यहूदियों में से साधारण लोग जान गए, कि वह वहां है, और वे न केवल यीशु के कारण आए परन्तु इसलिये भी कि लाजर को देंखें, जिसे उस ने मरे हुओं में से जिलाया था। तब महायाजकों ने लाजर को भी मार डालने की सम्मति की। क्योंकि उसके कारण बहुत से यहूदी चले गए, और यीशु पर विश्वास किया” (संत यूहन्ना 12:9-11 http://www.bible2all.com).

हमने पहली घटना में देखा कि प्रभू ईसा मसीह की जी उठने वाली घटना ने उन्हें स्तब्ध कर दिया था मगर क्षणिक लाभ के लिए घबराहट में रिश्वत देते हैं और सोचते हैं कि उन्होंने सच्चाई पर पर्दा डाल दिया, लेकिन प्रभू ईसा मसीह के चेलों ने पूरे इजरायल में उनके जी उठने की बात फैला दी। उनके शिष्यों को इस अपराध की सजा भी मिली और उनकी पिटाई की गई तथा कहा कि आज के बाद यह काम मत करना मगर चेलों ने जो जवाब दिया वह आगे की कहानी में वर्णित है-

“जब वे लोगों से यह कह रहे थे, तो याजक और मन्दिर के सरदार और सदूकी उन पर चढ़ आए। क्योंकि वे बहुत क्रोधित हुए कि वे लोगों को सिखाते थे और यीशु का उदाहरण दे देकर मरे हुओं के जी उठने का प्रचार करते थे।
और उन्होंने उन्हें पकड़कर दूसरे दिन तक हवालात में रखा क्योंकि सन्धया हो गई थी। परन्तु वचन के सुनने वालों में से बहुतों ने विश्वास किया, और उन की गिनती पांच हजार पुरूषों के लगभग हो गई॥ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि उन के सरदार और पुरिनये और शास्त्री। और महायाजक हन्ना और कैफा और यूहन्ना और सिकन्दर और जितने महायाजक के घराने के थे, सब यरूशलेम में इकट्ठे हुए।
और उन्हें बीच में खड़ा करके पूछने लगे, कि तुम ने यह काम किस सामर्थ से और किस नाम से किया है? तब पतरस ने पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर उन से कहा। हे लोगों के सरदारों और पुरनियों, इस दुर्बल मनुष्य के साथ जो भलाई की गई है, यदि आज हम से उसके विषय में पूछ पाछ की जाती है, कि वह क्योंकर अच्छा हुआ।
तो तुम सब और सारे इस्त्राएली लोग जान लें कि यीशु मसीह नासरी के नाम से जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, और परमेश्वर ने मरे हुओं में से जिलाया, यह मनुष्य तुम्हारे साम्हने भला चंगा खड़ा है। यह वही पत्थर है जिसे तुम राजमिस्त्रियों ने तुच्छ जाना और वह कोने के सिरे का पत्थर हो गया। और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। जब उन्होंने पतरस और यूहन्ना का हियाव देखा, ओर यह जाना कि ये अनपढ़ और साधारण मनुष्य हैं, तो अचम्भा किया; फिर उन को पहचाना, कि ये यीशु के साथ रहे हैं। और उस मनुष्य को जो अच्छा हुआ था, उन के साथ खड़े देखकर, वे विरोध में कुछ न कह सके। परन्तु उन्हें सभा के बाहर जाने की आज्ञा देकर, वे आपस में विचार करने लगे,कि हम इन मनुष्यों के साथ क्या करें? क्योंकि यरूशलेम के सब रहने वालों पर प्रगट है, कि इन के द्वारा एक प्रसिद्ध चिन्ह दिखाया गया है; और हम उसका इन्कार नहीं कर सकतकपरन्तु इसलिये कि यह बात लोगों में और अधिक फैल न जाए, हम उन्हें धमकाएं, कि वे इस नाम से फिर किसी मनुष्य से बातें न करें। तब उन्हें बुलाया और चितौनी देकर यह कहा, कि यीशु के नाम से कुछ भी न बोलना और न सिखलाना। परन्तु पतरस और यूहन्ना ने उन को उत्तर दिया, कि तुम ही न्याय करो, कि क्या यह परमेश्वर के निकट भला है, कि हम परमेश्वर की बात से बढ़कर तुम्हारी बात मानें। क्योंकि यह तो हम से हो नहीं सकता, कि जो हम ने देखा और सुना है, वह न कहें। तब उन्होंने उन को और धमका कर छोड़ दिया, क्योंकि लोगों के कारण उन्हें दण्ड देने का कोई दांव नहीं मिला, इसलिये कि जो घटना हुई थी उसके कारण सब लोग परमेश्वर की बड़ाई करते थे”
(प्रेरितों के काम 4:1-21 http://www.bible2all.com).

इन्होंने यह सब जारी रखा और प्रभू ईसा मसीह के प्रचार के अपराध में शामिल हो गए और चारों तरफ धूम मचा दी। धर्मगुरु लोग जल-भुन गए। उन्होंने प्रभू ईसा मसीह के प्रचार के अपराध को रोकने की असफल कोशिशें जारी रखी। तमाम प्रयासों और अथक कोशिशों के बावजूद प्रभू ईसा मसीह के जी उठने के गवाह बढ़ते ही जा रहे हैं। राजाओं, नेताओं और अधिकारियों की क्रोधाग्नि अनवरत इस अपराध के खिलाफ क्रियाशील है। प्रभू ईसा मसीह का जी उठने वाला और मृत्यु पर नियंत्रण रखने वाला पवित्र अपराध अद्भुत हैं इसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता।